बीजापुर (छत्तीसगढ़)। बीजापुर और नारायणपुर इलाके में हाल ही में माओवादियों के खिलाफ चलाए गए बड़े अभियान के बाद रविवार को 22 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से छह माओवादियों पर कुल 11 लाख रुपए का इनाम था।
सभी ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सीआरपीएफ के डीआईजी देवेंद्र सिंह नेगी के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
अधिकारी ने कहा, "रविवार को 22 व्यक्तियों ने माओवादी विचारधारा को त्याग दिया है और मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। हम उनका तहे दिल से स्वागत करते हैं। बीजापुर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल पूरे क्षेत्र में नए शिविर स्थापित कर रहे हैं और साथ ही सड़कों और स्वास्थ्य सुविधाओं सहित बुनियादी ढांचे में भी सुधार कर रहे हैं। नतीजतन, जनता की धारणा बदल रही है और अधिक लोग प्रशासन के साथ जुड़ रहे हैं। इन शिविरों की स्थापना का पूरे क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।"
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में एओबी डिवीजन के सदस्य, तेलंगाना राज्य समिति के सदस्य और प्लाटून के सदस्य शामिल हैं। बीजापुर में अब तक 107 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
शुक्रवार को बीजापुर जिले के गंगलूर इलाके में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 14 महिलाओं समेत 30 माओवादियों को मार गिराया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि के लिए सुरक्षा बलों की सराहना की और कहा कि सुरक्षा बल अगले साल मार्च तक भारत को माओवादियों से मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
मारे गए इन माओवादियों पर कुल 87 लाख रुपए का इनाम घोषित था। साथ ही जवानों ने इन माओवादियों के पास से एके 47, एसएलआर, इंसास और थ्री-नॉट-थ्री राइफल जैसी घातक बंदूकें बरामद की हैं।
साथ ही मौके से देशी रॉकेट लांचर, बैरल ग्रेनेड लांचर और अन्य विस्फोटक हथियार भी बरामद किए गए हैं। इसके अलावा भारी मात्रा में जंगल वर्दी, दवाइयां, साहित्य और दैनिक उपयोग की अन्य वस्तुएं भी बरामद की गई हैं।
शुक्रवार को कई घंटों तक चले अभियान के दौरान एक बहादुर सैनिक ने भी सर्वोच्च बलिदान दिया। अलग-अलग अभियानों में एक पुलिस उपाधीक्षक रैंक के दो अन्य सैनिक घायल हुए हैं। हालांकि, उनकी हालत स्थिर है।